एक लागू करने योग्य वेतन समझौता या एनफाॅर्सएबल वेज एगरीमेन्ट (EWA) एक वैश्विक, कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है, जिसमें ट्रेड यूनियन संगठनों, अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों और कपड़ा व जूता उद्योग के खुदरा विक्रेताओं द्वारा हस्ताक्षर किया जाएगा और बातचीत की जाएगी। एक लागू करने योग्य वेतन समझौते का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उन कंपनियों के लिए उत्पाद बनाने वाले श्रमिकों को आजीविका वेतन मिले, जो श्रमिकों और उनके आश्रितों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। लागू करने योग्य वेतन समझौता बांग्लादेश में आग और इमारत सुरक्षा पर समझौते और संयुक्त राज्य अमेरिका में निष्पक्ष खाद्य कार्यक्रम के अनुभवों पर निर्मित होगा।
EWA पर ब्रांड और खुदरा विक्रेताओं द्वारा हस्ताक्षरित किया जाएगा, लेकिन इसमें उनके क्रय अनुबंध में उन्हें बाध्य करने वाली एक धारा होगी, जिसके तहत आपूर्तिकर्ताओं को स्थानीय संघ के साथ एक अलग समझौते पर बातचीत करनी होगी । ‘आपूर्तिकर्ताओं के दायित्वों' को भी देखें।
राष्ट्रीय यूनियन महासंघों के साथ-साथ फैक्ट्री-स्तरीय यूनियनें जो महासंघ से संबद्ध नहीं हैं, प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय सौदेबाजी समूह (नेशनल बार्गेनिंग ग्रुप) के माध्यम से वार्ता प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए चुनेंगी। यह समूह ग्लोबल बार्गेनिंग कौंसिल में न्यूनतम 2 और अधिकतम 3 ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों को नामित करता है, जिन्हें हस्ताक्षर से पहले समझौते को मंजूरी देनी होती है। सीधा बातचीत और हस्ताक्षर करने वाली संस्था ग्लोबल बार्गेनिंग कमेटी है, जिसमें परिषद से मनोनीत ट्रेड यूनियनों और गैर-सरकारी संगठनों का एक समूह शामिल है। सभी राष्ट्रीय यूनियन महासंघ और फ़ैक्टरी यूनियन जो प्रतिनिधियों को चुनते है उनकी एक सूची समझौते के साथ जुडी होगी। ये यूनियन आपूर्तिकर्ताओं के साथ अलग-अलग समझौतों पर भी बातचीत करेंगे। यदि आपूर्तिकर्ता मना कर देता है, तो वे EWA के तहत दायित्वों पर प्रतिक्रिया ले सकते है।
अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन समझौते में हस्ताक्षरक गवाह का कार्य करेंगे। यूनियन और श्रमिक अधिकार से जुड़े गैर सरकारी संगठन भी श्रमिक प्रशिक्षण व अनुपालन में मुख्य भूमिका निभाएंगे और जब नियोक्ता अपने दायित्वों को पूरा करने में विफल होगा, तो शिकायत दर्ज कराने में भी वे सक्रिय भूमिका निभाएंगे। स्थानीय श्रम अधिकार से जुड़े गैर सरकारी संगठन केवल स्थानीय यूनियनों के निमंत्रण पर समझौते में शामिल हो सकते हैं या फिर तब जब उस देश के कपडा उद्योग क्षेत्र में कोई औपचारिक संघ न हो।
नहीं। समझौता वेतन का स्तर निर्धारित नहीं करता है; श्रमिक उच्च वेतन पर बातचीत करने के लिए स्वतंत्र हैं। समझौते में सामूहिक रूप से संगठित होने व मोल-भाव करने के अधिकार की रक्षा करने और संघ के नेताओं व श्रमिकों को इन अधिकारों का उपयोग करने पर किसी भी प्रकार के प्रतिशोध से बचाने का भी प्रावधान होगा। जैसा की ऊपर उल्लेख किया गया है, वैश्विक EWA पर बातचीत करने के लिए प्रतिनिधियों का चयन करने में स्थानीय यूनियनों और संघों की भी भूमिका रहेगी।
नहीं। पिछले दशक में, कई आजीविका वेतन मानदंड विद्वानों और शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किए गए हैं; कई देशों की यूनियनों ने ठोस आजीविका वेतन की माँगें निर्धारित की हैं, और एक क्षेत्रीय आजीविका वेतन पहल, एशिया फ्लोर वेज को एशिया में ट्रेड यूनियनों द्वारा विकसित किया गया था। इन अलग-अलग पहलों द्वारा प्राप्त आजीविका वेतन के आंकड़े अलग-अलग मानदंडों पर आधारित हैं, जिनमें गरीबी स्तर की कैलोरी आवश्यकता से लेकर परिवार की पर्याप्त कैलोरी की आवश्यकता और कार्यबल में प्रवेश करने वाली महिलाओं के लिए आवश्यक अवैतनिक घरेलू देखभाल की लागत भी शामिल है। इन विभिन्न पहलों पर आधारित आजीविका वेतन का अनुमान जो विश्वसनीय है उसका निष्कर्ष हैं: एक आजीविका वेतन और न्यूनतम वेतन के बीच का अंतर औसतन 3 का कारक है। किसी भी एक किर्तीमान को चुनने के बजाय, ये योजना अंतर को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिसके तहत हस्ताक्षरक कंपनियों को वर्तमान में अपने आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करने वाले मूल्य से 25% प्रीमियम का योगदान करने की आवश्यकता होगी, जो सीधे श्रमिकों को जाएगा।
The agreement is directly linked to the local struggle for higher minimum wages. The brand is currently in a highly competitive international market, with various producing countries fighting a minimum wage battle to attract foreign investment. However, if local conflicts succeed in setting a higher minimum wage, then as per the agreement, brands can bargain for a lower premium.
इस योगदान की गणना दो आंकड़ों के आधार पर की गई थी: 1) उत्पादक देशों में न्यूनतम वेतन और आजीविका वेतन के बीच औसत अंतर। डाटा बताता है कि यह अंतर अधिकांश कपड़ा उत्पादक देशों में 3x-5x के बीच है।। हमने अपनी गणना के लिए इस स्पेक्ट्रम के निचले छोर का उपयोग चुना, और यह माना कि न्यूनतम वेतन को आजीविका वेतन स्तर तक पहुंचने के लिए तीन से गुणा करना पड़ेगा ; और 2) एक कपडे की लागत का औसत प्रतिशत जो श्रम की ओर जाता है। अनुसंधान से पता चलता है कि श्रम एक कपडे की लागत का लगभग 5-12% प्रतिनिधित्व करता है। हमने अपनी गणना के लिए आधार के रूप में इस सीमा के उच्च स्तर यानि 12% को चुना है।
3 x 12 का गुणा करने पर 36% का आंकड़ा प्राप्त होता है, जो कि फ्रीघ्ट-बोर्ड ("FOB") की कुल राशि है जो श्रम की ओर जाना चाहिए। यह मानते हुए की FOB मूल्य का 12% पहले से ही श्रम की ओर जा रहा है, FOB मूल्य को 36% की कुल श्रम लागत प्रतिशत तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त 24% की वृद्धि की आवश्यकता होगी। इसलिए 24% का आंकड़ा हमने अभियान के लिए चुना और इसको 25% मान लिया।
आजीविका वेतन योगदान को नियमित पेरोल के एक हिस्से के रूप में श्रमिकों को वितरित किया जाएगा और राशि श्रमिकों के वेतन प्रपत्र पर एक अलग लाइन आइटम के रूप में दिखाई देगी। अंशकालिक आधार पर नियोजित श्रमिकों को काम किए गए घंटों के आधार पर एक पूर्व निर्धारित राशि प्राप्त होगी। यह योगदान वेतन, लाभ, और अन्य मुआवज़े, जो श्रमिकों को पहले से ही प्राप्त हैं उनके ऊपर होगा। आपूर्तिकर्ताओं को वेतन, लाभ और अन्य मुआवजों को घटाने से प्रतिबंधित किया जाएगा, और मुआवजे व लाभों को घटाने के लिए श्रमिकों को पुनर्वर्गीकृत करने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। हालांकि, क्योंकि अधिकांश फैक्टरियाँ एक साथ कई ग्राहकों के लिए उत्पादन करती हैं, और क्योंकि सभी ब्रांड एक ही समय पर समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करते, LW योगदान का मतलब यह नहीं है की फैक्टरियों में भाग लेने वाले श्रमिकों को तुरंत आजीविका वेतन मिलेगा।
पहले ब्रांड के समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद ही फैक्टरियों में काम करने वाले श्रमिकों को आजीविका वेतन नहीं मिलेगा । श्रमिकों का वेतन स्तर अभी भी EWA पर हस्ताक्षर करने वाले फैक्टरियों को ठेका देने वाले ब्रांडों के प्रतिशत पर निर्भर है। यदि किसी फैक्ट्री से काम करवाने वाले सभी ब्रांड इस समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं, तो प्रत्येक ब्रांड का आजीविका वेतन का योगदान आजीविका वेतन में जुड़ जाएगा।
हस्ताक्षरक ब्रांड और खुदरा विक्रेताओं को निम्न दायित्व निभाने होंगे:
इस समझौते के तहत, आपूर्तिकर्ताओं को निम्न दायित्व निभाने होंगे:
जाँच और प्रवर्तन
आपूर्तिकर्ताओं के दायित्वों को बाजार-आधारित प्रवर्तन तंत्र के माध्यम से लागू किया जाता है। यदि एक आपूर्तिकर्ता एक जांच में सहयोग करने में विफल रहता है, जांच से उभरी आवश्यक सुधारात्मक उपायों को लागू नहीं करता, या कार्यक्रम के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने में विफल रहता है, तो हस्ताक्षरक ब्रांडों को आपूर्तिकर्ता व उसके द्वारा संचालित सभी फैक्टरियों से व्यावसायिक संबंधों को समाप्त करने की आवश्यकता होगी। हस्ताक्षरक ब्रांडों को उसी मालिक द्वारा संचालित फैक्टरियों में किसी भी नए आर्डर को देने से तबतक बचना होगा जब तक की यह निर्धारित नहीं किया जाता है कि फैक्ट्री ने आवश्यक सुधारात्मक उपायों को लागू कर दिया हैं।
हस्ताक्षरक ब्रांडों और खुदरा विक्रेताओं के दायित्वों को कानूनी रूप से बाध्यकारी मध्यस्थता के माध्यम से किया जाता है। यदि समझौते के किसी भी हस्ताक्षरकर्ता का मानना है कि किसी ब्रांड या खुदरा विक्रेता ने समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है, तो हस्ताक्षरकर्ता मध्यस्थता के लिए आगे बढ़ सकते हैं। मध्यस्थ का निर्णय, जिसमें कोई भी पुरस्कार जारी किया गया हो, हस्ताक्षरक ब्रांडों और खुदरा विक्रेताओं पर बाध्यकारी होगा और अदालत में लागू होगा।
समझौते के परिपालन की निगरानी स्वतंत्र, तृतीय-पक्षीय संगठन के द्वारा की जाती है जो विशेष रूप से इसी उद्देश्य के लिए हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा बनाया जाता है। यह संगठन हस्ताक्षरक ब्रांड द्वारा फैक्टरियों को भुगतान की गयी श्रमिक आजीविका वेतन योगदान की पुष्टि करने के लिए जिम्मेदार होगा; शिकायत तंत्र का संचालन करेगा; उल्लंघन से जुड़ीं शिकायतों की जांच करेगा; निष्कर्ष जारी करेगा और उल्लंघन के लिए सुधारात्मक उपायों का उल्लेख करेगा; कार्यक्रम का संचालन करेगा; और परिपालन पर सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट बनाएगा। संगठन के पास किसी भी देश में स्थित हस्ताक्षरक ब्रांड के आपूर्तिकर्ताओं की जांच करने और उनसे जुड़ीं शिकायतों का जवाब देने की क्षमता होगी।
संगठन 24-घंटे का शिकायत तंत्र संचालित करेगा जिसके माध्यम से श्रमिक समझौते के उल्लंघन की शिकायत और / या रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। निरीक्षक सभी विश्वसनीय शिकायतों की जाँच करेगा। कर्मचारियों को कार्यक्रम के बारे में जो प्रशिक्षण प्राप्त होता है, उसमें शिकायत तंत्र तक पहुंचने के तरीके के बारे में जानकारी शामिल होगी। कोई भी कर्मचारी जो शिकायत तंत्र तक पहुँचता है या एक जांच में भाग लेता है, उसके खिलाफ प्रतिरोध करना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा।
श्रमिकों को समझौते के हस्ताक्षरक यूनियनों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा कार्यक्रम के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान, योगदान के बारे में और उनके श्रमिकों तक पहुँचने की प्रक्रिया की जानकारी प्रदान होगी, साथ ही संगठित होने की स्वतंत्रता, हस्ताक्षरक यूनियनों और गैर सरकारी संगठनों की भूमिका और शिकायत तंत्र तक पहुँचने के बारे में जानकारी दी जायेगी। सामान्य कामकाजी घंटों के दौरान फ़ैक्टरी के परिसर में प्रशिक्षण होगा और आपूर्तिकर्ता श्रमिकों को उनके समय के लिए भुगतान करेगा।
प्रत्येक हस्ताक्षरक ब्रांड और रिटेलर को वार्षिक शुल्क का भुगतान करना होगा, जिसका उपयोग कार्यक्रम की स्थापना और संचालन के लिए किया जाएगा। इसमें शामिल लेकिन सीमित नहीं होगा- शिकायत की जांच, शिकायत तंत्र का संचालन, यूनियनों और गैर-सरकारी संगठनों को श्रमिकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आर्थिक सहायता, कार्यक्रम की गतिविधियों के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित करने व अन्य परिचालन ख़र्चों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
क्षेत्र के राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन में कोई भी वृद्धि देश में काम जारी रखने या बढ़ाने के लिए ब्रांडो और खुदरा विक्रेताओं के लिए एक प्रलोभन (इंसेंटिव )होगा क्योंकि उन्हें आजीविका वेतन प्राप्त करने के लिए कम प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा। वह मानक योगदान जिसका भुगतान ब्रांड को करने की आवश्यकता होती है वह वर्तमान में भुगतान किए गए FOB मूल्य का 25% होता है। इस 25% से विचलन संभव है अगर LW और सांविधिक MW के बीच का अंतर 200% से कम हो या एक ब्रांड अगर यह साबित कर सके कि वह FOB की कीमतों का उच्च भुगतान करता है जो की आजीविका वेतन के स्तर पर श्रम लागत का भुगतान करने के लिए पर्याप्त है, और ब्रांड वास्तव में यह साबित कर पाए कि इससे श्रमिकों को उच्च वेतन प्राप्त होता है। केवल जहाँ स्थानीय श्रम हस्ताक्षरक मानक 25% से विचलन के लिए सहमत हैं, वहाँ कम प्रतिशत का भुगतान किया जा सकता है।
हस्ताक्षरक ब्रांडों को अपने आपूर्तिकर्ताओं को अधिक कीमत चुकानी होगी, लेकिन उन्हें उपभोक्ताओं के साथ इस लागत को पारित करने की आवश्यकता नहीं है। ब्रांड कीमतें बढ़ाने के बजाय, इस वृद्धि, जो कम ही होगी, उसको स्वयं झेलने का निर्णय ले सकते हैं। यदि ब्रांड कीमतें बढ़ाने का फैसला भी करते है तो ये बढ़ोतरी आमतौर पर कम से कम होगी क्योंकि श्रम कपड़े की लागत का एक छोटा-सा हिस्सा ही है।
इस बात को नाकारा नही जा सकता कि इस समझौते के दीर्घकालीन पुनर्वितरीत प्रभाव होंगे और अन्य कारकों के साथ संयोजन में ये कपड़ा उद्योग पर नवीनीकरण के प्रभाव डालेंगे, जिसकी भविष्यवाणी करना कठिन है। हमारा नेटवर्क उत्पादक व उपभोक्ता-प्रधान देशों में सामाजिक, पर्यावरण और आर्थिक रूप से एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करेगा, जो आपूर्ति श्रृंखला में धन और शक्ति को निष्पक्ष पुनः वितरित करने के हमारे लक्ष्य को दर्शित करेगा। यह स्पष्ट है कि विश्व फैशन उद्योग के व्यावसायिक मॉडल में जल्द से जल्द एक बदलाव की आवश्यकता है। अब पहले से अधिक, सस्ते कपड़े और अत्यधिक उपभोक्तावाद के साथ-साथ सस्ता श्रम और श्रमिक का शोषण चलन में है।